कुमार अम्बुज का नया संकलन - अमीरी रेखा
हिन्दी के अत्यंत महत्वपूर्ण कवि कुमार अम्बुज का नया कविता संकलन 'अमीरी रेखा' अभी हाल में ही 'राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली' से छपकर आ गया है. 'किवाड़', 'क्रूरता' और 'अतिक्रमण' जैसे कविता संकलनों और 'इच्छाएं' जैसे बिल्कुल अलग तरह के कहानी संकलन से हिन्दी में एक विशिष्ट स्थान बनाने वाले अम्बुज जी का नया संकलन उनकी सतत सक्रियता का पता देता है. 'असुविधा' की ओर से उन्हें हार्दिक बधाई के साथ प्रस्तुत हैं इस संकलन से कुछ कविताएँ. किताब यहाँ से प्राप्त की जा सकती है. अमीरी रेखा मनुष्य होने की परंपरा है कि वह किसी कंधे पर सिर रख देता है और अपनी पीठ पर टिकने देता है कोई दूसरी पीठ ऐसा होता आया है, बावजूद इसके कि कई चीजें इस बात को हमेशा कठिन बनाती रही हैं और कई बार आदमी होने की शुरुआत एक आधी-अधूरी दीवार हो जाने से, पतंगा, ग्वारपाठा या एक पोखर बन जाने से भी होती है या जब सब रफ्तार में हों तब पीछे छूट जाना भी एक शुरुआत है बशर्ते मनुष्यता में तुम्हारा विश्वास बाकी रह गया हो नमस्कार,